रिन्जु राय ने ‘भारतीय डायस्पोएरा और हिंदी डायस्पोारिक सिनेमा: सामाजिक-सांस्कृ्तिक अंतरक्रियाओं का विश्लेषणात्मपक अध्ययन’ विषय पर सफलतापूर्वक शोध प्रबंध पूर्ण किया ।
वर्धा। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय प्रवासन एवं डायस्पोरा अध्ययन विभाग देश दुनिया के प्रवासी अध्य यन व शोध का एक महत्वरपूर्ण संस्थादन है। इस विभागकी शोधार्थी रिन्जु राय ने भारतीय डायस्पोंरा और हिंदी डायस्पोरिक सिनेमा : सामाजिक-सांस्कृतिक अंतरक्रियाओं का विश्लेुषणात्मक अध्ययन विषय परअत्यन्त महत्वंपूर्ण शोध कार्य पूर्ण किया है । डायस्पोरिक सिनेमा पर विशिष्ट् अध्ययन के अंतर्गत उन्होंने सामाजिक-सांस्कृततिक पक्षों तथा जीवन दृष्टि के पहलुओं को अपने शोध प्रबंध में निरूपित किया है। डायस्पोशरिक सिनेमा के संदर्भ व प्रभावशीलता को समझने के लिए उन्होंने विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के मन मस्तिष्कक तथा सामाजिक अंतरक्रियाओं को वैज्ञानिक प्रविधियों के साथ विश्लेषण करने का समुचित प्रयास किया। सांस्कृतिक परिगमन की अभिव्यक्तियों पर आधारित यह शोध प्रवासी समाज में भारतीयता की उन्नुत संस्कृति और गौरवशाली परंपरा को अपनाने का मार्ग दर्शाता है ।वहीं विदेशी धरती पर सांस्कृातिक संघर्ष व सरोकार को परखने तथा वहाँ के सामाजिक द्वंद्व व रहन सहन का फिल्मों में प्रस्तुतीकरण को जाँचना और प्रवासी भारतीय समाज, खासकर युवाओं पर पड़ रहे उसके प्रभाव का आकलन करना इस शोध का महत्वरपूर्ण परिणाम रहा है । प्रस्तुत शोध की सफलतापूर्वक पूर्णता को ऑनलाइन माध्यपम से डिजिटल मंच की खुली मौखिकी के साथ विषय विशेषज्ञ, अन्य शोध विशेषज्ञों, उच्च शिक्षा के प्राध्यापकों तथा अनेक शोधार्थियेों की उपस्थिति में शोध कार्य की प्रस्तुति, संवाद व प्रश्नों के समाधान से पूरा किया गया।उल्लेखनीय है कि यह शोध कार्य विभाग के वरिष्ठ सहायक आचार्य डॉ. राजीव रंजन राय के मार्गदर्शन में पूर्ण किया गया है ।यह शोध कार्य प्रवासन एवं डायस्पोराअध्ययन विभाग की पहली डॉक्टरेट शोध उपाधि के रूप में भी उल्लेखनीय है । रिन्जु राय को उत्कृष्ट शोध कार्य तथा हिन्दी विश्वविद्यालय के प्रवासन एवं डायस्पोरा अध्ययन विभाग के प्रथम पीएचडी. उपाधि धारक बनने के लिए विश्वविद्यालय परिवार से जुड़े लोग, शिक्षा जगत के अनेक आचार्य, शोधार्थियों-विद्यार्थियों व शुभचिंतकों ने हार्दिक बधाई व शुभेच्छा दी ।